नींबू घास या लेमनग्रास एक उष्णकटिबंधीय पौधा है जो अपने विशिष्ट सुगंध के लिए जाना जाता है .इसकी खुशबू नींबू से मिलती-जुलती है. नींबू घास की उत्पत्ति भारत और श्रीलंका मानी जाती है. नींबू घास का प्रयोग मुख्यतः सिट्रोनेला तेल बनाने में किया जाता है . इसके अलावा इसका प्रयोग विभिन्न प्रकार के सेंट औषधियां और मच्छर भगाने का लिक्विड और अगरबत्ती बनाने में किया जाता है.
लेमन ग्रास की चाय सर्दियों में कफ और सर दर्द में आराम के लिए प्रयोग की जाती है.
लेमन ग्रास की चाय बनाने की विधि-
सामग्री-
लेमन ग्रास - आधा कप बारीक कटी हुई
गुड /जागरी- स्वाद अनुसार
पुदीना- आधा कप बारीक कटा हुआ
विधि-
1. लेमनग्रास पुदीना और गुड़ को 6 कप पानी में उबलने तक गर्म करें.
2. आंच धीमी कर दें और तीन कप होने तक गर्म करें.
3. गैस बंद कर दें और चाय की पत्ती डालने के बाद 2 मिनट तक ढक दें.
4. छानकर गरमा -गरम सर्व करें.
नोट -सिर्फ लेमन ग्रास की चाय बन सकती है पुदीना वैकल्पिक है.
लेमन ग्रास के गुण-
1. Antioxidant के तौर पर- एंटी ऑक्सीडेंट का मुख्य कार्य हमारी कोशिकाओं में बनने वाली रिएक्टिव ऑक्सीजन प्रजाति(Reactive Oxygen Species)को नष्ट करना होता है .यह अत्यधिक क्रियाशील होते हैं और कई बीमारियों का कारक है.
2. कैंसर रोधी गुणधर्म - लेमनग्रास में मौजूद कुछ तत्व हमारे प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करते हैं और कैंसर कोशिकाओं को है मारने में मदद करते हैं इस तरह यह पौधा कैंसर रोधी गुणधर्म रखता है
3. पाचन शक्ति बढ़ाने में - लेमनग्रास की चाय पाचन क्षमता को बढ़ाती है और पेट के अल्सर से बचाती है.
4. रक्तचाप के नियंत्रण में - लेमन ग्रास का नियमित सेवन उच्च और निम्न रक्तचाप के साथ-साथ हृदय गति को भी नियंत्रित रखता है.
5. कोलेस्ट्रॉल के नियंत्रण में - लेमन ग्रास का सेवन कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित रखता है जिससे कि हृदय रोग का खतरा कम होता है.
6. अवसाद में - लेमन ग्रास एंटीडिप्रेसेंट की तरह कार्य करती हैं जिससे अवसाद(depression) के मरीजों को लाभ मिलता है.
नुकसान- कुछ लोगों को लेमन ग्रास के प्रयोग से एलर्जी होती है और कुछ लोगों की हृदय गति बढ़ जाती है. इसके अलावा अधिक भूख लगना ,सिर चकराना इत्यादि लेमन ग्रास के नुकसान भी हो सकते हैं हालांकि इस तरह के नुकसान / समस्याएं व्यक्तिगत अनुभव पर आधारित हैं मेडिकल साइंस ऐसा कोई दावा नहीं करता है.
लेमन ग्रास की चाय सर्दियों में कफ और सर दर्द में आराम के लिए प्रयोग की जाती है.
लेमन ग्रास की चाय बनाने की विधि-
सामग्री-
लेमन ग्रास - आधा कप बारीक कटी हुई
गुड /जागरी- स्वाद अनुसार
पुदीना- आधा कप बारीक कटा हुआ
विधि-
1. लेमनग्रास पुदीना और गुड़ को 6 कप पानी में उबलने तक गर्म करें.
2. आंच धीमी कर दें और तीन कप होने तक गर्म करें.
3. गैस बंद कर दें और चाय की पत्ती डालने के बाद 2 मिनट तक ढक दें.
4. छानकर गरमा -गरम सर्व करें.
नोट -सिर्फ लेमन ग्रास की चाय बन सकती है पुदीना वैकल्पिक है.
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Lemon Grass Plant |
लेमन ग्रास के गुण-
1. Antioxidant के तौर पर- एंटी ऑक्सीडेंट का मुख्य कार्य हमारी कोशिकाओं में बनने वाली रिएक्टिव ऑक्सीजन प्रजाति(Reactive Oxygen Species)को नष्ट करना होता है .यह अत्यधिक क्रियाशील होते हैं और कई बीमारियों का कारक है.
2. कैंसर रोधी गुणधर्म - लेमनग्रास में मौजूद कुछ तत्व हमारे प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करते हैं और कैंसर कोशिकाओं को है मारने में मदद करते हैं इस तरह यह पौधा कैंसर रोधी गुणधर्म रखता है
3. पाचन शक्ति बढ़ाने में - लेमनग्रास की चाय पाचन क्षमता को बढ़ाती है और पेट के अल्सर से बचाती है.
4. रक्तचाप के नियंत्रण में - लेमन ग्रास का नियमित सेवन उच्च और निम्न रक्तचाप के साथ-साथ हृदय गति को भी नियंत्रित रखता है.
5. कोलेस्ट्रॉल के नियंत्रण में - लेमन ग्रास का सेवन कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित रखता है जिससे कि हृदय रोग का खतरा कम होता है.
6. अवसाद में - लेमन ग्रास एंटीडिप्रेसेंट की तरह कार्य करती हैं जिससे अवसाद(depression) के मरीजों को लाभ मिलता है.
नुकसान- कुछ लोगों को लेमन ग्रास के प्रयोग से एलर्जी होती है और कुछ लोगों की हृदय गति बढ़ जाती है. इसके अलावा अधिक भूख लगना ,सिर चकराना इत्यादि लेमन ग्रास के नुकसान भी हो सकते हैं हालांकि इस तरह के नुकसान / समस्याएं व्यक्तिगत अनुभव पर आधारित हैं मेडिकल साइंस ऐसा कोई दावा नहीं करता है.
Thanks for this information
ReplyDeleteThanks for this information
ReplyDeleteGood Abhishek....very significant and informative features of lemon grass you shared with us...Thanks a lot ....
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